मनु आदि के कर्मों का निरूपण
बलि की स्वर्ग पर विजय
अदिती को पयोव्रत उपदेश
- अदिति को वर
- वामन प्राकट्य यज्ञशाला
- तीन पग पृथ्वी मांगना
- दो पग में पृथ्वी और स्वर्ग नापना
स्तुति प्रसन्न होना
सुतल लोक मुक्ति
मत्स्य अवतार
- वैवस्वत, सुध्युम्न
- पृषध आदि 5
- च्यवन, सुकन्या
- नभ आग,अंबरिशा
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