Olives,Orchid,
Otter,Ostrich,Owl
श्री वत्स धामा, ईश
असीधरो जनार्दन
दामोदरो
विश्वेशरो कालमूर्ति
जैसे छोटे-छोटे राजा अपनी-अपनी प्रजा से कर लेकर स्वयं अपने सम्राट को कर देते हैं,वैसे ही मनुष्यों के पूज्य देवता और देवताओंके पूज्य ब्रह्माआदिभी अपने अधिकृत प्राणियोंसे पूजा स्वीकार करते हैं और माया के अधीन होकर आपकी पूजा करते रहते हैं।वह इस प्रकार आप की पूजा करते हैं कि आपने जहां जो कर्म करने के लिए उन्हें नियुक्त कर दिया है, वह आप से भयभीत रहकर वही वह काम करते रहते हैं।
वे सर्वशक्तिमान् प्रभु वायुकी तरह नीचे-ऊँचे, छोटे-बड़े सभी प्राणियोंमें अन्तर्यामीरूपसे लीला करते रहते हैं। परन्तु उन-उन प्राणियोंके बुद्धिगत गुणोंसे वे छोटे-बड़े या ऊँचे-नीचे नहीं हो जाते। क्योंकि वे वास्तवमें समस्त प्राकृत गुणोंसे रहित—निर्गुण हैं ।।६।। परीक्षित्! पिछले कल्पके अन्तमें ब्रह्माजीके सो जानेके कारण ब्राह्म नामक नैमित्तिक प्रलय हुआ था। उस समय भूर्लोक आदि सारे लोक समुद्रमें डूब गये थे ।।७।। प्रलयकाल आ जानेके कारण ब्रह्माजीको नींद आ रही थी, वे सोना चाहते थे। उसी समय वेद उनके मुखसे निकल पड़े और उनके पास ही रहनेवाले हयग्रीव नामक बली दैत्यने उन्हें योगबलसे चुरा लिया ।।८।। सर्वशक्तिमान् भगवान् श्रीहरिने दानवराज हयग्रीवकी यह चेष्टा जान ली। इसलिये उन्होंने मत्स्यावतार ग्रहण किया ।।९।।
जो मनुष्य भगवान्के इस अवतारका प्रतिदिन कीर्तन करता है, उसके सारे संकल्प सिद्ध हो जाते हैं और उसे परमगतिकी प्राप्ति होती है ।।६०।।
Olives,Orchid, Otter,Ostrich,Owl श्री वत्स धामा, ईश असीधरो जनार्दन दामोदरो विश्वेशरो कालमूर्ति